याद है, जब हम बचपन में डॉक्टर–डॉक्टर खेला करते थे। हम बच्चों वाले स्टेथोस्कोप के साथ खेलते हुए और डॉक्टर से संबंधित टीवी कार्यक्रम देखते हुए विभिन्न रोगों के बारे में पता लगा लेते थे। लेकिन वयस्कों के रूप में हमारे खेल में अब मज़ेदार सेक्स भी शामिल हो चुका है। इसमें चिकित्सा जानकारी के लिए बेहतर स्रोतों की आवश्यकता होती है, जो उस ‘मज़े’ को सुरक्षित रहने में सहायता कर सकते हैं।
वास्तव में, हममें से अधिकांश लोग, किसी भी प्रकार के सेक्स संबंधी समस्याओं को लेकर डॉक्टर के पास जाने से डरते हैं। और यह इसलिए है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि सेक्स की चर्चा करना एक शर्म की बात है। सेक्स की बात करने में लोगों को अटपटा सा लगता है। दरअसल, हमारे पास यौन संचारित संक्रमण (एस.टी.आई) और यौन स्वास्थ्य की सही देखभाल के बारे में पर्याप्त जानकारी ही नहीं है, इसलिए इस संदर्भ में बात करने का आत्मविश्वास हम जुटा नहीं पाते हैं।
लेकिन आप निश्चित रहें, एजेंट ऑफ इश्क आपको ये बताएगा कि किस प्रकार की बीमारी में किस तरह के डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
1. सामान्य चिकित्सक (जेनेरल फिजिशियन)
ज़्यादातर डॉक्टर यह सलाह देते हैं कि यौन स्वास्थ्य से संबंधित किसी भी निदान के लिए, हमें सबसे पहले एक सामान्य चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए। यह एफ.आई.आर दर्ज़ करने की तरह है। हमारे शरीर से संबंधित पहली सूचना ऑफिसर-ऑन-कॉल को। चिकित्सक आपको आपकी समस्या के निदान के आधार पर विशेषज्ञों की जानकारी देते हैं।
उनके नाम के बाद लगने वाली सामान्य डिग्री- एम.बी.बी.एस.
2. स्त्री रोग विशेषज्ञ
महिलाओं के लिए, एक भरोसेमंद स्त्रीरोग विशेषज्ञ सबसे अच्छी दोस्त की तरह है। पीरियड्स, स्तन, गर्भावस्था, हार्मोन और गर्भाशय संबंधित किसी भी समस्या के लिए, स्त्री रोग विशेषज्ञ आपके लिए सही चुनाव है। स्त्रीरोग विशेषज्ञ प्रजनन और यौन इंद्रियों संबंधित हर समस्या का पता लगाकर उसके निदान और उपचार में सहायता करते हैं। मासिक धर्म समय पर नहीं आ रहा है? स्तन में पीड़ा है? हार्मोनल असंतुलन होने की संभावना है? गर्भावस्था से भय है? संभोग के दौरान दर्द होता है? तो आपको एक स्त्रीरोग विशेषज्ञ के पास जाना चाहिए।
उनके नाम के बाद लगने वाली सामान्य डिग्री- एम.बी.बी.एस. (मूल चिकित्सा डिग्री) और प्रसूति एवं स्त्री रोग में एम.डी. / एम.एस. / डी.एन.बी.।
3. एंड्रोलॉजिस्ट
अगर महिलाओं को स्त्रीरोग विशेषज्ञ के रूप में धर्मपिता (godparent) मिलें हैं, तो पुरुष अपने प्रजनन से संबंधित प्रश्नों और मुद्दों के लिए कहां जा सकते हैं? वे एंड्रोलॉजिस्ट के पास जाकर शुरुआत कर सकते हैं। एंडरोलॉजिस्ट एक मेडिकल बाबा की तरह है जो पुरुष प्रजनन या उनकी शिथिलता, सभी चीज़ों का ज्ञान रखता है। दरअसल, एंड्रोलॉजी आदमी के शरीर का अध्ययन ही तो है।
अक्सर यूरोलॉजी और एंड्रोलॉजी को लेकर लोग भ्रम में रहते हैं। दरअसल, सभी एंडरोलॉजिस्ट यूरोलोजिस्ट हैं लेकिन सभी यूरोलोजिस्ट एंडरोलॉजिस्ट हों, ऐसा ज़रूरी नहीं है। मुंबई के एक प्रमुख यूरोलोजिस्ट डॉक्टर प्रकाश वासवानी ये स्पष्ट करते हुए कहते हैं, “ऐंड्रोलोजिस्ट विशेष रूप से पुरुषों के प्रजनन संबंधी मुद्दों पर ध्यान देते हैं, जैसे पुरुष बांझपन, जननांगों से जुड़ी समस्याएं, जैसे कि अवांछित वृषण/टेस्ट्स (testes) जो सही तरह से उतरे न हों या ऐसे अन्य रोग जो प्रजनन या यौन क्रिया को प्रभावित कर सकते हैं। येयूरोलॉजी की तुलना में और विशिष्ट अध्ययन की शाखा मानी जाती है।
उनके नाम के बाद लगने वाली सामान्य डिग्री- एम.बी.बी.एस और एम.डी / यूरोलॉजी में एम.एस– एंड्रोलॉजी में विशेषज्ञता
4. यूरोलॉजिस्ट
यूरोलॉजिस्ट भी पुरुष के स्वास्थ्य और उर्वरता पर ध्यान देते हैं, लेकिन मुख्यतः प्रोस्टेट, मूत्राशय, गुर्दे और मूत्र पथ से संबंधित समस्याओं की जांच करते हैं। यानि यौन स्वास्थ्य के मुद्दों के साथ–साथ, अगर किसी पुरुष को मूत्र त्याग करने के दौरान दर्द होता है, जलन वाली सनसनी और / या मूत्र पथ में संक्रमण (यू.टी.आई) का संदेह है, तो उसे यूरोलॉजिस्ट सेमिलना चाहिए।
उनके नाम के बाद लगने वाली सामान्य डिग्री- एम.बी.बी.एस और एम.डी / एम.एस / यूरोलॉजी में डी.एन.बी।
5. एंडोक्रिनोलॉजिस्ट
तेईस वर्षीय लेखिका श्वेता को तीन महीनों से मासिक धर्म नहीं आ रहा था। वह सोच रही थी कि क्या उसे पी.सी.ओ.एस (पॉलीसिस्टिक ओव्हरियन सिंड्रोम) था। वह तुरंत एक स्त्रीरोग विशेषज्ञ के पास गई, जिन्होंने बताया कि ऐसा कुछ नहीं है। तब उसे एंडोक्रिनोलॉजिस्ट के पास जाने की सलाह दी गई, और वहां जाने पर काफी गंभीर हार्मोनल असंतुलनों का पता चला। श्वेता ने इस तरह की विशेषज्ञता के बारे में पहले कभी नहीं सुना था। ये कौन सा डॉक्टर है?
एक एंडोक्रिनोलॉजिस्ट उन मस्ती की लहरों को संतुलित करता है जो हमारी अंतःस्रावी ग्रंथियों में उठती हैं। (जैसे- पीनील ग्रंथि, पिट्यूटरी ग्रंथि, अग्न्याशय, अंडाशय, टेस्टेस, थायरॉयडग्रंथि, पाराथायरॉयड ग्रंथि, हाइपोथैलेमस और अधिवृक्क ग्रंथियां – endocrine glands)।
हमारे शरीर में एक हॉर्मोन का जो चक्र है, वो इन्हीं ग्रंथियों के समागम से बना है। बड़े पैमाने पर मूड–स्विंग (mood swings), मधुमेह (diabetes), कोलेस्ट्रॉल (cholesterol), हार्मोनल संतुलन (hormonal balance) सब अंतःस्रावी तंत्र के अधिकार क्षेत्र मेंआते हैं।
दिल्ली की एक एंडोक्रिनोलॉजिस्ट डॉ. शीतल जैन कहती हैं, “स्वस्थ यौन जीवन के लिए एक अच्छा बराबर चलने वाला तेल युक्त अंतःस्रावी तंत्र अत्यंत महत्वपूर्ण है। आपके हार्मोन यह निर्धारित करते हैं कि आप सेक्स के बारे में कैसा महसूस करते हैं। इसलिए, यदि आप यौन रूप से सक्रिय हैं, तो थायराइड और अन्य हार्मोन परीक्षणों का नियमित जांच कराना आवश्यक है।
एंडोक्रिनोलॉजिस्ट यह सुनिश्चित करता है कि सभी अंतःस्रावी तंत्र ‘मोगाम्बो खुश हुआ’ की तरह रहें। वे मर्द या महिला सबकी जांच करते हैं, लेकिन तभी जब वे किसी सामान्य चिकित्सक द्वारा निर्दिष्ट किए गए हों।
उनके नाम के बाद लगने वाली सामान्य डिग्री- एम.बी.बी.एस और एम.डी / एंडोक्रिनोलॉजी में एम.एस।
6. मनोवैज्ञानिक / मनोचिकित्सक
बहुत से सेक्स-संबंधी मुद्दे भी मानसिक और भावनात्मक होते हैं। इच्छा की कमी, स्खलन और उत्तेजना की समस्या, और कामोन्माद संबंधी विकार जैसी समस्याएं केवल भौतिक नहीं हैं बल्कि भावनात्मक और मानसिक संकट से भी जुड़ी हैं। तनाव, अवशिष्ट और अनसुलझे मुद्दे, पुरानी परेशानियां, जीवन शैली, डिप्रेशन, शरीर-रूपी समस्याएं और विकार, और चिंता यौन स्वास्थ्य में बाधा बन सकती है। यही वो जगह है जहां मनोचिकित्सक और मनोवैज्ञानिक की ज़रूरत पैदा होती है।
मनोवैज्ञानिक मुख्य रूप से परामर्श देते हैं, जबकि मनोचिकित्सकों के पास मानसिक स्वास्थ्य के लिए दवाइयां देने का लाइसेंस भी होता है, यदि उन्हें आवश्यक लगे। पहले मनोवैज्ञानिक से मिलने की ही सलाह दी जाती है। सलाह लेने के लिए सलाह दी जाती है। यदि मनोचिकित्सक यह आवश्यक समझता है कि आपको और प्रबल निर्देशों की ज़रूरत है, तो वह आपको मनोचिकित्सक के पास जाने की सलाह दे सकता है।
हिचकीचाओ मत! एक स्वस्थ सेक्स जीवन को कई मज़बूत स्तंभों की आवश्यकता होती है। अगर सेक्स आपके मन में ही मज़ेदार नहीं है, तो बिस्तर पर मजे़दार कैसे हो सकता है?
उनके नाम के बाद लगने वाली सामान्य डिग्री- मनोचिकित्सकों को एम.बी.बी.एस की डिग्री अनिवार्य है, और मनोचिकित्सा में एक अतिरिक्त एम.डी / एम.एस की आवश्यकता है। मनोवैज्ञानिक आमतौर पर चिकित्सकीय डॉक्टर नहीं होते हैं, उनके पास मनोविज्ञान में मास्टर डिग्री होती है।
7. सेक्स थेरेपिस्ट / सेक्सोलॉजिस्ट
तो यदि एक मनोवैज्ञानिक आपको एक अच्छे सेक्स जीवन के लिए मानसिक बाधाओं से लड़ने में मदद करता है, तो फिर एक सेक्स चिकित्सक क्या करता है? जबकि एक मनोचिकित्सक /मनोवैज्ञानिक समग्र रूप से आपके मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देगा, एक सेक्स चिकित्सक आपको केवल सेक्स संबंधी मानसिक विकारों पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करेगा। एक सेक्स चिकित्सक उन पुरुषों और महिलाओं की मदद करता है जो मनोवैज्ञानिक बाधाओं और हिचकिचाहटों को दूर करके एक स्वस्थ और आरामदायक सेक्स जीवन चाहते हैं।
सेक्स चिकित्सक ‘सेक्सोलॉजिस्ट’ के नाम से जाने जाते हैं-कामुकता का अध्ययन करने वाले व्यक्ति। ज़्यादातर सेक्सोलॉजिस्ट और चिकित्सक लैंगिकता से संबंधित मुद्दों पर सलाह देते हैं, लेकिन यदि आवश्यक हो तो जिन सेक्सोलॉजिस्ट के पास मेडिकल डिग्री है, वो दवाएं भी लिख सकते हैं। हर लैंगिक रुझान के पुरुष और महिलाओं को समय-समय पर यौन-विशेषज्ञों से परामर्श करते रहना चाहिए, मुख्यतः अगर वो यौन रूप से सक्रिय हैं।
उनके नाम के बाद लगने वाली सामान्य डिग्री- विज्ञान और मनोविज्ञान में मास्टर्स डिग्री (कुछ सेक्सोलॉजिस्ट के पास मास्टर्स डिग्री के अलावा एम.बी.बी.एस भी होता हैं)
8. त्वचा विशेषज्ञ
एक त्वचा विशेषज्ञ, त्वचा संबंधित सभी समस्याओं का समाधान करता है। तो वो सिर्फ हमें हमारे गिरते बाल और मुहासों से नहीं बचाते हैं, बल्कि एस.टी.आई की वजह से होने वाले अधिक गंभीर खाज और त्वचा के संक्रमण का भी निवारण करते हैं। नताशा, मुंबई की एक 28 वर्षीय शेफ (chef), को दाद वायरस (एस.टी.आई) की शिकायत हुई। संक्रमण की वजह से उसकी पूरी आंतरिक जांघ के अंदर के हिस्से का रंग फीका पड़ चुका था। स्त्रीरोग विशेषज्ञ और यूरोलोजिस्ट और सौ अन्य विशेषज्ञों के पास जाने के बावजूद, उसकी त्वचा ठीक नहीं हो पाई थी। इससे उसका आत्मविश्वास कम होने लगा था।
फिर, उसने एक त्वचा विशेषज्ञ से सलाह ली, जिन्होंने एच.पी.वी के लिए चलने वाली दवाओं के साथ उसके संक्रमण का इलाज किया। खाज कम होने लगे और वो बेहतर महसूस करने लगी। वह कहती है, “किसी भी एस.टी.आई को कई स्तरों पर संभाला जाता है। सिर्फ एक डॉक्टर पर्याप्त नहीं है। कई स्तरों से इस पर वार करना बेहतर है।”
उनके नाम के बाद लगने वाली सामान्य डिग्री- एम.बी.बी.एस और एम.डी / एम.एस/ डी.एन.बी/ त्वचाविज्ञान में पी.जी डिप्लोमा।
9. एस.टी.आई विशेषज्ञ और जेनिटो यूरोलोजिस्ट
दवा की कुछ विशिष्ट शाखाएं एस.टी.आई में विशेषता हासिल करती हैं। श्रीकांत को एस.टी.आई है, ये तब पता चला जब वह अमेरिका में थे। लेकिन उन्हें जल्दी ही अपने भाई की शादी के लिए भारत आना था। उन्होंने सोचा कि वह भारत में अपनी चिकित्सा जारी रखेंगे। लेकिन उन्हें चेन्नई में एस.टी.आई क्लिनिक को खोजने में परेशानी हो रही थी, क्योंकि भारत में एस.टी.आई विशेषज्ञ बहुत कम मिलते हैं उसके बाद उन्हें चेन्नई के एक सामान्य चिकित्सक के ज़रिए एक जेनिटो यूरोलोजिस्ट तक पहुंचने का मौका मिला। एस. टी.आई विशेषज्ञ ढूंढ पाने का यही एक विकल्प था।
एस.टी.आई विशेषज्ञ और जेनिटो यूरोलोजिस्ट विशेष रूप से यौन संचारित बीमारियां और उनके उपचार के क्षेत्र पर ध्यान देते हैं। वे सबसे खास विशेषज्ञ होते हैं जिनका परामर्श केवल किसी दूसरे डॉक्टर के निर्देश द्वारा ही लिया जा सकता है। ठीक वैसे ही जैसे कि आप न्यूरोसर्जन के पास तभी जा सकते हैं, जब कोई डॉक्टर जिसके पास सामान्य चिकित्सा में एम.डी की डिग्री हो, आपको वहां जाने को निर्देशित करे।
उनके नाम के बाद लगने वाली सामान्य डिग्री- एम.बी.बी.एस. और एम.डी. /यूरोलॉजी में एम.एस., एस.टी.आई. में विशेषज्ञता के साथ।