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मतलब के लिए रिश्ते बनाने वालों से दूर ही रहना बेहतर

आपने अक्सर लोगों को कहते हुए सुना होगा कि चोट तो अपने ही देते हैं गैरों को क्या पता कि हमें तकलीफ किस चीज़ से होती है। मैंने भी सुना और पढ़ा है। कई बार ये भी सुना कि लोग स्वार्थी होते हैं और अपना काम निकल जाने के बाद मतलब रखना ही बंद कर देते हैं। ऐसे लोग हमारे और आपके दोनों के आस-पास हैं। फर्क इतना सा है कि किसी को देर से पता चलता है तो किसी को जल्दी।

कभी-कभी लोग ऐसे लोगों को पहचानने के बावजूद भी शांत रहते हैं, क्योंकि वो संबंधों का सम्मान बनाए रखना चाहते हैं। ऐसा नहीं है कि नज़रअंदाज़ करने वाला शख्स नासमझ हैं। असल में ये सच है कि नज़रअंदाज़ करने वाला शख्स वाकई में रिश्तों का सम्मान कर रहा है, लेकिन आपको लगता है कि आपने उसे बेवकूफ बना दिया।

आपके आस-पास कई तरह के लोग होते हैं। कुछ ऐसे होते हैं जो पहले तो आपके खास बनते हैं, आपको ये दिखाते हैं कि आपकी फिक्र उनको सबसे ज़्यादा है। फिर धीरे-धीरे वो आपके क्लोज़ होते हैं, आपकी कमियों और शक्तियों को जान लेते हैं, सकारात्मकता और नकारात्मकता को जान लेते हैं, उसके बाद वो आपसे उन लोगों के बारे में जानकारी जुटाते हैं जो आपसे जुड़े हैं।

खास तौर पर ऐसे लोग जिनसे वो खुद बात नहीं कर पाते। या वो लोग इन जैसे लोगों से दूरी बनाकर रखते हैं। ऐसे लोग पीठ पीछे तो आपकी खूब बुराई करेंगे, लेकिन सामने होते ही आपके बिल्कुल खास बन जाएंगे। ऐसे, जैसे आपके बिना जी नहीं पाएंगे। कभी-कभी तो जब आप परेशान होंगे, तो इनकी आंख से भी घड़ियाली आंसू टपक पड़ेंगे। आपको लगेगा कि वाह, यही वो इंसान है जो मेरे बारे में सोचता है और ऐसे लोगों के प्रभाव में आकर कभी-कभी आप अपने सगे और अपने करीबी लोगों को भी गलत मानने लगते हैं।

लेकिन, जब आपको ये एहसास होता है कि ये इंसान गलत है, नकारात्मक है, इसका मकसद सिर्फ और सिर्फ दूसरों के बारे में जानना और उनके घर के अंदर की बातों को पता करना है। फिर आपको लगेगा कि आपने ऐसे फालतू के लोगों को ज़रूरत से ज़्यादा तवज्ज़ो दे दी। ये इसके लायक तक नहीं थे। लेकिन अब थोड़ी नहीं बल्कि बहुत देर हो गई है, तो जब आप ऐसे लोगों से एक दूरी बनाते हैं, एक दायरा बनाते हैं। तो ऐसे लोग बेचैन हो जाते हैं, क्योंकि जिस वक्त ऐसे लोग ये दिखाने की कोशिश कर रहे थे कि वो आपके खास हैं, उसी वक्त ये लोग जाने अनजाने बहुत से लोगों के बारे में गैरज़रूरी और बेबुनियाद बातें आपके सामने कर चुके होते हैं।

अब इनको डर लगता है कि ऐसा ना हो कि कहीं इनकी पोल आप दुनिया के सामने खोल दें। ऐसी स्थिति में ये लोग आपकी जड़े खोदने में लग जाते हैं। आपसे जुड़े और आप पर विश्वास करने वाले लोगों को भड़काना, उन्हें तोड़ना शुरू कर देते हैं। परिवारों में ये लोग इतनी गंदी राजनीति करते हैं कि पूछिए मत और ऊपर से ये लोग तथाकथित संस्कारी होने का, परिवार की फिक्र करने वाले का और सबसे ज़्यादा समर्पित होने का नाटक करते हैं।

वक्त रहते अगर आप ऐसे लोगों की पहचान करके उन्हें बेनकाब कर सकें तो ये अच्छा रहेगा आपके लिए और आपके परिवार के लिए। इन लोगों की खासियत एक और होती है कि ये सिर्फ खुद को ही सर्वोत्तम मानते हैं, बाकी पूरी दुनिया इनके लिए मूर्ख है। लेकिन ऐसे कुपढ़, ऐसे अनपढ़ खुद को ज्ञानी मान लेते हैं और नश्वर संसार में क्षणभंगुर विलासिता पूर्ण साधनों पर इतराते हैं। भगवान ऐसे लोगों को उनकी हकीकत से रूबरू एक न एक दिन ज़रूर कराता है। आखिर में ऐसे लोगों से बस एक ही बात कहूंगा कि शोहरत की बुलंदी भी इक पल का तमाशा है,
जिस शाख पर बैठे हो वो टूट भी सकती है।

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