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#5 साल बाद भी तुम्हारे देश का वही हाल

आज से 5 साल पहले जो दिल्ली की अंधेरी रात मे  एक मासूम लड़की साथ हुआ शायद वो सोच के आज भी हमारी रूह काँप जाए, पर जो हुआ एक शर्मनाक घटना थी जिसपे लोगो ने अफसोस जताया, कुछ राजनीति दल ने ब्यानबाजी की, की ” गलती लड़की मे होती है” खैर इतना सब होने क बावजूद भी लड़की के घरवालों ने हिम्मत नही हारी और अपनी लड़ाई लड़ते रहे।  हमारी बहन निरभाया को इंसाफ भी मिला परंतु निरभाया नही रही।

ऐसी इंसाफ का क्या फायेदा ?? आखिर मे जान तो  देनी पड़ी निरभाया को। जो निरभया के साथ हुआ शायद किसी और के साथ न हो देश मे  मुहिम चलायी गयी। कहीं टेक्नालजी का इस्तेमाल  करकरे लड़कियों को शूरक्षित  महसूस कराने का वादा कराया गया पर क्या सच मे हम लड़कियां शूरक्षित है ???? ये सवाल सबके मन मैं होती है

आज भी दिल्ली के सड़को पड हुई कुछ घटनाए हुमे नज़र आती है या कुछ छुपा दी जाती है। बंगलोरे मैं हुई घटना आपको याद होगा। देश के हर एक कोने मे  हर एक दिन ऐसी घटना नही  होती जहां लड़कियों का शोशन नही होता.अभी हाल ही मैं फिल्म अभिनेत्री के साथ हवाई सफर मैं जो घटना हुआ आपको पता ही होगा। कहने का तत्पर्ये है हम आज भी वही है . निरभाया के बलिदान के बाद से से लगा था कुछ कानून मैं बदलाव आएंगे या कुछ लोग सुधर  जाएंगे परंतु यहा कुछ नही होगा।

आज पूरा देश निरभाया को याद कर रहा है. क्यूँ याद कर रहा है?? क्या संदेश देना चाहते  है लोग ? की निरभाया आप अछा है इस देश मैं नही हो जहा आज भी लडकिया  रातों मैं अकेली नही जा पाती, जल्दबाज़ी मैं घर पहुंचने के लिए ऐसे गाड़ी का इस्तेमाल न कर पाये जहा पहले से कुछ लोग हों? क्यूँ?? ऐसा क्यूँ है ??अकेले न जाए, भडी हुई गाड़ी मे  न जाए तो क्या करे?

कोई ऐसा कानून क्यूँ नही बनाता जहा लड़कियों को बुरी नज़र से देखने वालों पर भी सज़ा हों।

Remembering Nirbhaya!!

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