आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में इंसान इतना मशगूल है की, उसे पैसे कमाने के अलावा कोई और काम समझ नही आता। यहाँ तक की खाने-पीने से लेकर, अपने बच्चों, अपने परिवार का । आज समाज अमीर और गरीब दो भाग में बंट गया है, आज अमीर गरीब की तरफ देखता ही नही, अधिक धन वाले गरीबों पर हँसते हैं उनका मज़ाक उड़ाते हैं, उन्हे दुत्कार देते हैं, लेकिन याद रहे! उसी खुदा उसको गरीब बनाया है, जिस भगवान ने आपको धनवान बनाया है । अहंकार से भरे लोगों के कानों में ये आवाज़ ही नही जाती ‘साहब कुछ खाने को दे दो , मालिक कुछ दे दो , भगवान के नाम पर दो रुपया दे दो मालिक’ आदि । आज का इंसान इतना स्वार्थी और कायर है कि, वो आम लोगों को मूर्ख बना कर देश के साथ और उनके साथ गद्दारी करता है, झूठ बोलता है, बहुत सारे लोगों के दिल को ठेस पहुचाता है, और मौला की मज़ार में, भगवान के मंदिर में माथा टेकने मुस्कराते हुये चले आते हैं, हजारो की शराब पी जाते हैं, लेकिन एक लगड़े, अंधे, अनाथ, त्रष्त और परेशान, कमजोर को कुछ पैसे देने से कतराते हैं, मूर्ख लोग, रिश्वत लाखों मे लेते हैं, लेकिन गरीब भिखारी को देने के लिए सिक्के ढूढते हैं कमबख्त! लोगों की मदद नही कर सकते, चिल्लाकर अल्लाह को बुलाते हैं, अगरबत्ती घुमाकर ईश्वर को प्रसन्न करना चाहते हैं, वाइन पिलाकर क्राइस्ट को पुकारते हैं …..ये सब क्या है ….? जो आवाज़ को ही नही पहचान पाते तो भगवान को ख़ाख़ पहचानेंगे, कभी सोचा है कि भगवान भी तभी खुश होते हैं जब लोग मिल-जुल कर रहते हैं, कोई भी इंसान खुद को कमजोर और असहाय नही समझता है, और ऐसा तब ही होता जब इंसान के मन अहंकार, द्वेष, ईर्ष्या जैसे दुर्गुण नहीं होते।
‘मानवता की सेवा से परमात्मा प्रभावित होते हैं’ । जब विभिन्न धर्म,संप्रदाय,जाति के लोग एक साथ होते हैं तो बड़ा अच्छा लगता है ठीक ऐसे ही जैसे, झील,पंक्षी,पेंड़,पहाड़ ,सूरज सबको एक साथ देख मन प्रफुल्लित हो जाता है । जब सब लोग मिलकर समाज हित व देश हित के लिए कम करते हैं तो अवश्य ही वो काम सफल हो जाता है, जैसे एक चींटी पहाड़ खड़ा कर देती है, ठीक इसी भावना के साथ अगर किसी बड़ी बुराई के खिलाफ काम किया जाता है तो जीत जरूर ही मिल जाती है । हमारे देश के महा पुरुषों ने भी इस बात पर बल दिया, पुराणों मे भी इसी बात पर ज़ोर दिया गया है की बेसहारों की सहायता ही ईश्वर की सच्ची पूजा है ,और मानवता ही सबसे बड़ा धर्म है । “नर सेवा, नारायण सेवा”
#Shivaay