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सहिष्णुता- हर भारतीय की पहचान

 

जिस प्रकार आज बार-बार कई बुद्धिजीवियों द्वारा कहा जा रहा है कि भारत मे सहिष्णुता नहीं है.ये सुनने बड़ा हास्यास्पद लगता जहां तक मेरा सवाल है ,क्योंकि भारत जो 700 वर्ष से अधिक तक गुलाम रहा फिर भी अपनी संस्कृति और परम्परा को बचाये रखने मे सफल रहा उसके साथ वह अपनी सहिष्णुता का परिचय देने में भी सफल रहा क्योंकि किसी भी देश को महज 200-300 वर्ष भी कोई बलपूर्वक गुलाम बनाता तो उसका इतिहास ही बदल दिया जाता है. भारत के साथ भी ये षड़यंत्र बहुत रचा गया परंतु यहा के लोगों की दृढ़संकल्पता के कारण वह अधिक सफल नहीं हो सका. आज कुछ लोग जो अपने आप को बुद्धिजीवी कहते हैं उनका मानना है कि भारत सहिष्णु नहीं है और भारत के लोग असहिष्णु है.

अगर हम भारत की जनसंख्या की बात करे तो भारत मे हिंदू धर्म की जनसंख्या अधिक है यदि भारत असहिष्णु होता तो भारत के कई सफल खिलाड़ी, अभिनेता, व्यापारी, कलाकार जो कि अल्पसंख्यक है वे इतनी प्रसिद्धि कैसे हासिल कर पाते. अब यह आपको समझना है कि भारत असहिष्णु है या नहीं है.

Abhishek Barodiya

Social worker

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