मुहम्मद आदिल
भोजपुर 1 दिसंबर 2017
जिला मुरादाबाद के नगर पंचायत भोजपुर के निर्वतमान अध्यक्ष शफी अहमद उर्फ बाबू की पत्नी को निकाय चुनाव में सफलता मिली। भोजपुर धर्मपुर टाउन एरिया अध्यक्ष(चेयरमैन)पद पर निर्दलीय रहमत जहां के सिर जीत का सेहरा बंधा। रहमत ने अपने निकटम प्रतिद्वंद्वी परवेज को पराजित किया। निर्दलीय परवेज और रहमत के बीच कांटे का मुकाबला रहा। आमने सामने की जंग में रहमत 117 मत के अंतर से चुनाव जीत गईं।
पधान परिवार को मिली तीसरी बार कमान नव निर्वाचित चेयरमैन रहमत जहां परिवार का इस पद पर दो बार पहले भी कब्जा रहा। वर्ष 1988 में भोजपुर धर्मपुर को टाउन एरिया का दर्जा मिला। इस समय नवी जान को क्षेत्र की जनता ने उपनगर की कमान सौंपी थी।
वर्ष 2011 के चुनाव में शफी अहमद उर्फ बाबू को कमान मिली। शफी अहमद बाबु जनाब नवी जान के बेटे हैं और अभी निर्वाचित रहमत जहां शफी अहमद की बीबी हैं। अबकी भी शफी ने आरक्षण बदलने पर सपा से टिकट की आस लगाई थी, मगर पार्टी ने मौका नहीं दिया। इसके बाद बाबू ने पत्नी रहमत जहां को स्वतंत्र (निर्दल) उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारा और चेयरमैन की कुर्सी पर अपना कब्जा बरकरार रखा।
जीत पर बाबु भाई ने कहा है कि ये भोजपुर की जनता की जीत है और में और मेरा परिवार हमेशा भोजपुर की जनता के साथ खड़ा रहेगा और भोजपुर सब के सहयोग से विकास की नई ऊंचाइयों को छुएगा।
यहां सपा उम्मीदवार के रूप में नसीम अंसारी ने नामांकन पत्र दाखिल किया था। नामांकन पत्र की जांच में नसीम का सपा उम्मीदवार के रूप में दावा खारिज हो गया। नसीम को तीसरे स्थान से ही संतोष करना पड़ा। भोजपुर के चुनाव में सपा का सिंबल ही दाखिल नहीं हो पाया और भाजपा, कांग्रेस और बसपा उम्मीदवार को जंग से बाहर होना पड़ा। सभी दलीय और अधिकतर निर्दलीय उम्मीदवारों को अपनी जमानत गंवानी पड़ी है।
वर्ष 2000 में जनता दल के उम्मीदवार के रूप में असलम ने चेयरमैन की कुर्सी पर कब्जा किया। इसके बाद तीन चुनाव में जनता ने असलम को काम का मौका दिया। मगर असलम अंसारी ने 3 बार मौका मिलने पर भी नगर की जनता को निराश किया वर्तमान चुनाब में नगर की जनता ने असलम को बीजेपी प्रत्याशी के रूप में मात्र 224 वोट दिए।
नगर में कुल मतदाता-23500
मतदान किए-16485
चेयरमैन पद के प्रमुख उम्मीदवार मिले मत
रहमत जहां निर्दल (जीते) 5655
परवेज निर्दल (हारे) 5538
मो.नसीम निर्दल 1427
हसन निर्दल 0990
जफर कांग्रेस 0794
बाकी उमीदवार 500 का आंकड़ा भी नहीं छुपाये और सभी की जमानत भी जप्त हो गयी।
लेखक नेचर वाच के उप संपादक है।