मेरा घर्म (religion) इंसानियत है कोई भी धर्म हो उसका पैग़ाम इंसानियत होता है अगर हम यह समझने की कोशिश करे कि भगवान ने धर्मो को क्यो बनाया? असल मे धर्म कुछ नहीं बस इंसानो के जीने के नियम है जो भगवान ने हमे बताये है धर्म हमे सही और गलत का निर्णय करने में मदद करता है अगर एक लाइन में कहु तो धर्म इंसान को इंसान बनाता है चलिए बात करते है भगवान की बनाई सृष्टि (universe)की उसकी उत्पत्ति की।जब भगवान ने इस सृष्टि को जन्म दिया तो इसमें रहने के लिए जीवो को भी पैदा किया।एक वह जिनको हम फरिश्ते (angels)या देवदूत बोलते है दूसरे वह जिनको मनुष्य बोलते है तीसरे वह जिनको जानवर या हैवान बोला जाता है।लेकिन भगवान की इन तीनो रचनाओ(creation) और सृजन में एक खास अंतर है पहला देवदूत से भगवान ने इच्छा (desire)और हवस (lust)को दूर रखा।वह सिर्फ भगवान का आदेश मानते है बस।दूसरे हैवान जिनमे भगवान ने सिर्फ हवस(lust) दी उनमे सही और गलत की क्षमता नही दी।तीसरे मनुष्य या इंसान जिनमे जिनमे दोनो दिया यानी इच्छा, ख्वाहीश(desire) ओर हवस(lust) दी।सभी धर्मों में नर्क और स्वर्ग की अवधारणा (concept)है अब सवाल यह कौन स्वर्ग जायगा और कौन नर्क?क्योंकि देवदूत या फरिश्तो में इच्छा और हवस नही होती इसलिए वह पापो (sin)ओर बुरे कार्यो से दूर है ऐसे में इनके नर्क जाने का सवाल ही नही।दूसरे हैवान जो अच्छे बुरे की पहचान नहीं कर सकते इसलिए भगवान का न्याय (justice)यह कहता है कि यह भी नर्क में तो नही जाएंगे।अब बचा मनुष्य जो इच्छा और हवस दोनो रखता है और अच्छे बुरे की पहचान भी कर सकता है।अब यह मनुष्य पर निर्भर करता है कि वो कैसा जीवन बिताना चाहता है? अगर वह अपनी अक़्ल (wisdom)से हवस और खुआहिशो (desire)पर क़ाबू पा ले तो वह फरिश्ता (angel)बन सकता है और अगर वह इन पर क़ाबू ना पा सका तो हैवान और जानवर बन सकता है।अब मैं वही पर आता हूं जहाँ से आरंभ किया था।भगवान ने धर्म मनुष्य के लिए बनाया है अगर वह धर्म और नियमो(laws of God) का पालन करता है तो इंसान कहलायेगा और अगर धर्म और नियमो का मज़ाक बनाता है तो वह अधर्मी और जानवर कहलायेगा।मनुष्य प्रजाति में एक खास किस्म के लोग है जो दिखावा करते है कि वह धार्मिक है पर अंदर से भगवान के बनाये नियमो को तोड़ते रहते है ऐसे मनुष्यों को पाखंडी (hypocrite)कहा जाता है और यही लोग मनुष्य और इंसानियत के सबसे बड़े दुश्मन है।आज हमारे समाज और देश की जो इस्थति है उसका बड़ा ज़िम्मेदार यही पाखंडी तबका(group) है।