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भ्रष्टाचार

भ्रष्टाचार

“भ्रष्टाचार” एक शब्द जिससे हम सब भली भांति परिचित है। एक बच्चे से लेकर वृद्ध तक भारत देश का हर नागरिक इस शब्द से परिचय रखता है। लेकिन क्या हमने इसे रोकने का प्रयास किया, क्या हम इसे रोकने में सफल हुए या हमने कभी प्रयास ही नही किया। चलने दिया जो जैसे चल रहा है।

भ्रष्टाचार भारत देश की प्रमुख समस्याओ में से एक है। इस समय भारत दुनिया भर में सातवें नंबर में है।आखिरकार क्यों आजादी के सत्तर सालों के बाद भी हमें इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है। क्यों लोग सरकारी कर्मचारियों पर विश्वास करने से कतराते हैं, क्यों देश के तमाम डॉक्टर, इंजीनियर और शोधकर्ता विदशों में जा कर काम कर रहे हैं। क्या इसका जवाब है आपके पास ?

मैं बताता हूं

                क्योंकि हम देश से संबंधित अपना व्यव्हार बदलने में सक्षम नही हैं। हम भारत को माता का दर्जा देते है, भारत माता बोलते हैं लेकिन हमें इसका आदर करना नही आता। अगर आदर करना आता तो हम इसे अपमानित नही करते। हम रिश्वत लेने और देने में बिल्कुल भी संकोच नही करते। लेकिन आप एक बात समझ लो रिश्वत लेने वाला जितना गुनेहगार है उतना ही गुनेहगार रिश्वत देने वाला भी है।

अगर आप सच मे आदर करते हैं, अपने देश से प्यार करते हैं, अगर आप सच्चे देश भक्त हैं तो वादा करिये न कभी रिश्वत लेंगें न कभी देंगे, वादा करिये कि भ्रष्टाचार और भ्रष्ट कर्मचारियों के खिलाफ अपनी आवाज उठाएगे।

अगर भारत हमारी माता समान है, तो चलो एक कदम उठाये ताकि भारत कहलाया जा सके विकसित देश ना कि भ्रष्ट देश।

                 चलो वादा करते है कि हर भ्रष्ट कर्मचारी को न्यायालय तक खींच कर ले जाएंगे। अगर आप सच मे भारत माता से प्यार करते है, आदर करते हैं तो भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी आवाज उठाये तभी हम एक कदम रख पाएंगे भ्रष्टाचार मुक्त भारत की ओर यकीन मानिये अगर ऐसा हुआ तो बहुत जल्द भारत का विकास होगा और भारत समिलित होगा विकसित देशों में।

                                                     पुष्पेंद्र सचान

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