“अरे, वो फलां की बेटी पम्मी को देखा है? कैसी फुटबॉल हुई जा रही है, अगर यही हाल रहा, तो कौन करेगा इससे शादी?”
“ओह ज़रा ध्यान से बैठना इस सोफे पर, कही धंस न जाये।
“तुम तो मॉडलिंग करने की सोचना भी मत, ये मोटे लोगों के बस की बात नहीं।”
ऐसे न जाने कितनी और कैसी-कैसी टिप्पणियां सुननी पड़ती हैं अक्सर मोटे लोगों को। मज़ाक ही सही, लेकिन ऐसी टिप्पणियों से उनके आत्मविश्वास को ठेस तो पहुंचती ही है। आखिर समझ नहीं आता किसी के दुबले या मोटे होने से बाकियों के पेट में खुजली क्यों होती है। अरे भई चाहे कोई मोटा है या दुबला, गोरा है या काला, जो भी है जैसा भी है, अपने घर में है। आपका क्या जाता है? ज़रूरी तो नहीं कि हर मोटे इंसान के मोटापे की वजह दिनभर खाते रहना ही हो। कई बार वंशानुगत कारणों या फिर किसी बीमारी की वजह से भी इंसान मोटा हो सकता है। लेकिन नहीं, आपलोगों ने तो कसम खा ली है कि उन्हें चैन से रहने नहीं देंगे। उसे ‘मोटी भैंस’, ‘कद्दू’ जैसे तरह-तरह के नामों ने नवाज़ेंगे ही, उसका मज़ाक बनायेंगे ही। ऐसे लोगों की वजह से ही कई लड़के और लड़कियां अपने मोटापे को अभिशाप समझने लगते हैं।
खैर, ऐसे लोगों को स्टैंडअप हास्य कलाकार व अभिनेत्री भारती सिंह से सीख लेनी चाहिए। पंजाब के अमृतसर से आईं भारती आज टीवी वर्ल्ड का एक जाना-पहचाना नाम हैं। उन्होंने कई कॉमेडी शो होस्ट किये हैं। डांस शो ‘झलक दिखला जा’ का हिस्सा रही हैं, ‘बिग बॉस’ के कई सीज़न में मेहमान के तौर पर आ चुकी हैं। साल 2012 में इंडियन टेलीविजन अकादमी अवॉर्ड्स में बेस्ट अभिनेत्री का पुरस्कार जीत चुकी हैं और बॉलीवुड में भी अपनी उपस्थिति दर्ज करवा चुकी हैं। पर एक समय ऐसा भी था, जब उन्हें भी अपने मोटापे की वजह से लोगों के कमेंट सुनने पड़ते थे। भारती कहती हैं-
”जब मैंने कॉमेडी शो में एंट्री ली थी, तो उस वक्त महसूस करती थी कि लोग मेरी उपस्थिति का मज़ाक बना रहे हैं। हालांकि इससे पहले कि वे कुछ करते, मैंने खुद ही अपना मज़ाक बनाना शुरू कर दिया। दरअसल हमें खुद पर हंसना सीखना चाहिए। तब बाकी लोग खुद आपका मज़ाक बनाना छोड़ देंगे। वैसे मज़ाक को मज़ाक के तौर पर लेना चाहिए, दिल पर नहीं लेना चाहिए। अगर आप खुद का मज़ाक नहीं बना सकते, तो आपको दूसरों का भी मज़ाक नहीं बनाना चाहिए। कई बार लोग मुझे हाथी बोलते हैं, क्या मैं वो बन जाती हूं? मैं इंसान हूं और इंसान ही रहूंगी, तो इसमें बुरा क्या है।”
प्रसिद्ध व्यक्तित्व मनोवैज्ञानिक क्रेशमर और शेल्डन के अनुसार छोटे कदवाले, भारी-भरकम और गोलाकार शरीर वाले लोग अक्सर सामाजिक तौर पर खुशमिजाज और खाने-पीने के शौकीन होते हैं।
भारती भी कुछ ऐसी ही हैं, उन्होंने कभी अपने मोटापे को खुद पर हावी होने नहीं दिया। वह हर पल लाइफ को फुल ऑन एंजॉय करने में यकीन करती हैं। रोज़ सुबह ग्रीन टी पीती हैं। तीन-चार घंटे डांस की प्रैक्टिस करती हैं। पिछले कुछ समय में डायटिंग के ज़रिए उन्होंने शादी के लिए अपना 10 किलो वजन घटाया है। फिलहाल वह अपने ब्यॉयफ्रेंड और मंगेतर हर्ष लिंबाचिया के साथ आगामी 3 दिसंबर को होनेवाली अपनी शादी की तैयारियों में बिज़ी हैं। भारती और हर्ष की मुलाकात नच बलिए-8 के दौरान हुई थी। इस शो में यह डांस जोड़ी काफी हिट रही थी। दोनों पिछले दो साल से एक-दूसरे को डेट कर रहे थे। हर्ष एक जाने-माने स्क्रिप्ट राइटर और एक्टर हैं।
वैसे कई लोगों व संस्थाओं द्वारा मन में बैठाए गए इस बॉडी स्टीरियोटाइप इमेज को तोड़ने की पहल शुरू कर दी गई है। यह निश्चित रूप से एक अच्छी खबर है। गत सितंबर महीने में बेंग्लुरू की कुछ महिलाओं ने मिल कर एक थियेटर ग्रुप क्रिएट किया है। इस ग्रुप की खासियत यह है कि इसमें केवल प्लस-साइज़ फिगर वाली महिलाएं ही शामिल हैं। इसी वजह से इस ग्रुप का नाम भी उन्होंने ‘Big Fat Company’ रखा है। वास्तव में इस थियेटर का कॉन्सेप्ट ग्रुप कॉरपोरेट ट्रेनर से थियेटर के फील्ड में आईं अनुराधा राव का है।
अनुराधा खुद भी प्लस साइज़ बॉडीवाली महिला हैं। वह ऐसे सभी लोगों को एक ऐसा प्लेटफॉर्म देना चाहती थीं, जहां वे खुल कर अपनी फीलिंग्स और अपने टैलेंट का प्रदर्शन कर सकें। अनुराधा के अनुसार- ”जब हम कोई मूवी या नाटक देखने जाते हैं, तो अक्सर पर्दे पर हीरो-हीरोइन के रूप में स्लिम-ट्रीम व परफेक्ट बॉडी वाले व्यक्ति की कल्पना करते हैं। प्लस साइज़ बॉडीवाले लोगों को हम अक्सर कुछ स्पेशल टाइपकास्ट इमेज से बांध कर ही देखते हैं, जबकि ऐसा थोड़े न है कि उनमें दूसरा कोई टैलेंट होता ही नहीं है।”
पिछले कुछ सालों में विद्या बालन, भूमि पेडनेकर जैसी अभिनेत्रियां बॉलीवुड में अपने अभिनय का लोहा मनवा चुकी हैं और विद्या ने तो खुलकर इस मुद्दे पर अपनी बात कही है। पिछले साल लैक्मे फैशन वीक ने भी प्लस-साइज फैशन शोज़ के ज़रिये इस दिशा में पहल की है। रागिनी राव, तनेशा अवस्थी जैसे ब्लॉगर्स आज स्पेशली ऐसे लोगों के फैशन ट्रेंड को बढ़ावा देने का काम कर रहे हैं। इसके अलावा अमेज़न, मिंत्रा, वेस्टसाइड जैसे ग्लोबल ब्रांड भी अब ऐसे लोगों की मार्केट डिमांड पूरी करने के लिए आगे आए हैं। भले ही यह संख्या कम ही सही, लेकिन आानेवाले समय के लिए एक अच्छा संकेत है।