‘चप्पा-चप्पा गूंज रहा है इंक़लाब के नारों से
बच्चा-बच्चा लेगा हिसाब आज, शिक्षा के ठेकेदारों से !’
बच्चा-बच्चा लेगा हिसाब आज, शिक्षा के ठेकेदारों से !’
यह नारा केवल जुबान पर नहीं है बल्कि मिथिला क्षेत्र के हज़ारों लोगों के ह्रदय की पुकार बन गयी है।पर ऐसा क्यों हुआ? आखिर क्यों ट्विटर और फेसबुक पर #MSU4LNMU ट्रेंड कर रहा है? आईये जानने का प्रयास करते है।
तारीख-१५ नवंबर २०१७ , दिन-बुधवार, स्थान- ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा में एक ऐसा आंदोलन हुआ जो पहले इस क्षेत्र में नहीं हुआ था।आंदोलन का आह्वाहन ‘मिथिला स्टूडेंट यूनियन’ नामक गैर सरकारी संस्था ने किया, और आंदोलन में शरीक हुए मिथिला क्षेत्र के विभिन्न इलाकों से आये हुए दो हज़ार से अधिक लोग जिसमे अधिकतर युवा एवं विद्यार्थी थे।आंदोलन को शहर के स्थानीय लोगो का साथ भी मिला। आंदोलनकरियों ने ‘विश्विद्यालय प्रशासन’ से ११ सूत्रीय मांग किया है। उनकी मांगो में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ये उनका मांग न होकर हक़ है। ‘मिथिला स्टूडेंट यूनियन’ के राष्ट्रीय महासचिव अविनाश भरद्वाज ने बताया की छात्रों के प्रति विश्विद्यालय का रवैया एकदम ओछा है, ऐसा लगता है कि विश्विद्यालय को छात्रों के भविष्य की चिंता ही नहीं है।न समय पर परीक्षा लेते है और न ही रिजल्ट ही सही समय पर मिलता है , परिसर में पैसों का खेल होता है सो अलग।इसलिए पिले झंडे लिए हुए हज़ारों की तादाद में लोग इस क्रांति में शामिल हुए।
आंदोलन में आये एक व्यक्ति ने कहा कि हमलोग तो पढ़ नहीं पाए परन्तु अपने बच्चों को उनका दिलाने के लिए इस ‘पिली क्रांति’ में शामिल हुए है।एक अन्य सेनानी रुपेश मैथिल ने कहा -अब मिथिला के युवा जग चुके है, अब मनमानी नहीं चलेगी।सेनानी बी जे बिकाश,सागर नवदिया, रजनीश प्रियदर्शी ने बताया विश्विद्यालय में प्रोफेसरों की आधे से अधिक सीट खाली है, हॉस्टल की हालत जर्जर है पर कोई मंत्री आता है तो लाखों रूपये फूल-माला लगाने में ख़त्म कर देते है।विश्वविद्यालय के शिक्षक ईशनाथ जी आंदोलन में अपना साथ दिया है और बहुत गहरा प्रश्न किया प्रशासन से कि दरभंगा में दो-दो विश्विद्यालय होते हुए भी यहाँ के छात्र बाहर पढ़ने क्यों जाएँ ? वे क्यों अभिमान करे की उन्होंने DU,BHU,IIT से डिग्री ली है?क्या यह विडम्बना नहीं है?
क्या है मिथिला स्टूडेंट यूनियन ?
‘मिथिला स्टूडेंट यूनियन’ जिसे शार्ट में MSU कहा जा रहा है एक गैर सरकारी संस्था है जिसका एकमात्र मकसद है मिथिला क्षेत्र का विकास। मुख्य उदेश्यों में एक है दरभंगा चीनी मिल पुनः शुरू करवाना जिससे बेरोजगारी रुके एवं लोगों में आत्मनिर्भरता आये तथा शिक्षा के क्षेत्र में फैले आरजकता को दूर करना। मिथिला एवं मैथिल लोगन को एक मंच प्रदान करना जिससे दिल्ली में बैठे हुक्मराँ इस क्षेत्र में केवल चुनाव के वक़्त न आये।