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मजहब से ऊपर देश प्रेम !!

मेरी सांसों में यही दहशत समाई रहती है , मज़हब से देश बँटा तो वतन का क्या होगा। लेकिन आज की सुबह में मुझे देश प्रेम का अलग ही नशा देखने को मिला …. घर से दूर ही सही लेकिन उस सुबह के नजदीक था , जिसने देशप्रेम को फिर प्राथमिकता देकर उन कट्टरवादी कायरो के मुँह पर जोरदार तमाचा मारा हैं …  मेरे गांव  की उस ताजिये ने सबकुछ बयां कर दिया … उसे अपने भारतीयता को दिखाने का क्या शानदार तरीका अपनाया … सलाम हैं उस जज्बे को … यह देश कुछ सांप्रदायिक कीड़ो के भौकने से नहीं टूटता , यह देश इन जैसे देशप्रेमियो से बचा हैं … उस अल्लाह के ऊपर भारत के नक़्शे की जो छवि गढ़ी गयी थी , जिसे देख के दिल से आह निकली .. कई दिनों से डर था मेरे मन में , कही दोनों मजहबो के कटरवादी कायरे जो हिंसा की तरफ इशारा कर रहे थे , कुछ अनहोनी न कर दे … लेकिन नहीं ! अगर रावण के दस सर हैं तो राम का एक तीर ही काफी हैं … दोनों तरफ के सामाजिक तबके के लोगो को प्रणाम जिसने दोनों पर्वो को सम्मान दिया और एक मानवता और इंसानियत से सांप्रदायिक और कटरवादी कायरो के मुँह पर जोरदार तमाचा मारा हैं … कल एक दोस्त ने कहा की तुम क्यों लिखते हो ये सब , तो मैंने कहा की आप हिंदुत्व की बाते करो , आप इस्लामियत की बाते करो .. लेकिन मैं भारतीय हु भारतीयता की बाते करूँगा … जय हिन्द …. By © Mj mayank…

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