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बैंकों की दादागिरी

आज हर सरकारी कामकाज में बैंक एकाउंट का होना अनिवार्य है । मिड्ल स्कूल से ही प्रत्येक छात्रों का बैंक एकाउंट का होना सुनिश्चित किया जाता है। ताकि उन्हें मिलने वाले सरकारी लाभ को सीधे उनके बैंक एकाउंट में ही ट्रांसफर किया जा सके। कुल मिला कर कह सकते हैं कि एक नाबालिग (यानि 18 साल से कम आयु वर्ग के व्यक्ति) का भी बैंक एकाउंट का होना आवश्यक है।
अब मैं अपनी बात कहना चाहूंगा , मेरी उम्र 17 वर्ष 11 महीना है। मैं स्नातक प्रथम वर्ष का छात्र हुँ । मेरा अभी तक एक भी बैंक एकाउंट नहीं है। मुझे एक जरुरी काम आ गया , और मैं स्टेट बैंक में खाता खुलवाने गया। मैंने वहां के संबंधित अधिकारियों और मैनेजर से बात की , उन्हें अपनी पूरी बात बताई । उन्हें आवासीय प्रमाणपत्र और अपना आधार कार्ड भी दिखाया । पर उन्होंने कहा जब तक आप 18 के नहीं हो जाते आप का खाता नहीं खुल सकता । अब ये चाहे शाखा की मजबूरी हो या फिर संबंधित अधिकारियों की मनमानी , इस बीच पिसेगा तो एक छात्र ही ।

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