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“हम महिलाओं को भी सेक्स उतना ही चाहिए होता है जितना पुरुषों को”

कुछ साल पहले जब मैं एक टीनेजर थी तो हमउम्र लड़कों को देखकर मेरे अन्दर एक अनजाना और अजीब सा एहसास होने लगता था। मेरे निचले हिस्से में एक गुदगुदी सी होने लगती जो कि अच्छी लगती थी।

आज कुछ सालों के बाद मैं इन सभी भावनाओं को पूरी तरह समझ भी चुकी हूं और स्वीकार भी कर चुकी हूं। मुझे लगता है कि काश महिलाऐं भी पुरुषों की ही तरह सेक्स से जुड़े उनके अनुभवों और उनकी भावनाओं पर खुलकर बात कर सकती तो कितना अच्छा होता। यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान मेरे आस-पास अगर किसी चीज़ पर सबसे ज़्यादा चर्चा होती है तो वो है ‘सेक्स’। हमारी यूनिवर्सिटी में तो सुरक्षित सेक्स और सेक्स से पहले सहमती को बढ़ावा देने के लिए भी कैम्पेन भी चलाए जाते हैं। लेकिन इस तरह के अभियान केवल पुरुषों को ध्यान में रखकर ही चलाए जाते हैं। तो क्या सच में ये मान लिया जाए कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं में सेक्स के प्रति इच्छा कम होती है?

मेडिकल एडवाइस के लिए मशहूर वेबसाइट WebMD की एक रिपोर्ट की माने तो महिलाओं की तुलना में पुरुषों में ना केवल सेक्स की इच्छा ज़्यादा होती है, बल्कि सेक्स को लेकर उनका रवैय्या भी काफी सीधा होता है। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 60 साल से कम उम्र के पुरुष एक दिन में कम से कम 2 बार सेक्स के बारे में सोचते हैं। वहीं एक चौथाई महिलाओं का कहना है कि वो अक्सर सेक्स के बारे में सोचती हैं। इस रिपोर्ट में समलैंगिक पुरुषों को भी शामिल किया गया और कहा गया है कि उनमे भी समलैंगिक महिलाओं की तुलना में सेक्स के प्रति इच्छा ज़्यादा होती है।

वहीं दूसरी ओर connections.mic पर महिलाओं की सेक्स के प्रति इच्छा से जुड़ा यह मिथक टूटता सा दिखता है। इनके द्वारा 500 महिलाओं के बीच करवाए गए एक विस्तृत सर्वे के अनुसार 53.2% महिलाऐं और अधिक सेक्स चाहती हैं और 75% हफ्ते में 3 से भी ज़्यादा बार कैजुअल सेक्स करना चाहती हैं।

ब्रिटिश प्रकाशन  Psychologies के अनुसार सेक्स की इच्छा के विषय में पुरुषों की तुलना में महिलाओं पर सात गुना ज़्यादा शोध किये गए हैं ताकि इसे चुनौती दी जा सके कि हम पुरुषों की तुलना में कम सेक्स चाहती हैं।

ना तो पुरुष हर वक़्त सेक्स के बारे में सोचते हैं और ना ही महिलाएं सेक्स को लेकर कम उत्साहित होती हैं। हम भी सेक्स को उतना ही चाहते हैं जितना कि पुरुष, बस हमारी इच्छाओं के उतार-चढ़ाव थोड़ा अलग होते हैं।

टीनेजर्स में जहां हॉरमोंस उफान पर होते हैं, वहीं वयस्क महिलाओं और पुरुषों की सेक्स के लिए इच्छा के कम या ज़्यादा होने को कई तरह की चीज़ें प्रभावित करती हैं। सामाजिक या आर्थिक पहलुओं में तालमेल बिठाने के साथ प्रेम संबंधों की उम्मीदें और हालत ऐसे कई पहलु हैं जो हमारी सेक्स लाइफ को प्रभावित करते हैं।

तो क्या पुरुषों में सेक्स की चाहत महिलाओं से ज़्यादा होती है? यह सवाल अभी भी बहस का मुद्दा है। कुछ इसका जवाब हां में देंगे तो कुछ लोग इससे सहमत नहीं होंगे। लेकिन आप कभी भी ऐसे ना सोचें कि आपको सेक्स की ज़्यादा इच्छा नहीं होनी चाहिए या फिर इसकी कोई तय सीमा होनी चाहिए। बस आपकी सेक्स लाइफ का भरपूर आनंद लेते रहिए।

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