सर्दियों के मौसम में कपड़ों के अभाव में कड़कड़ाती ठंड से ठिठुरने को मजबूर लोगों को नेकी की दीवार कपड़े दिलाकर ठंड से बचा रही है। ग्रेटर नोएडा के सेक्टर पाई-2 में यह अनोखी मुहिम ज़रूरतमंदों की मददगार बनी हुई है। यहां एक दीवार को डॉ. कपिल देव शर्मा ने अपने साथी पंकज की मदद से नेकी के नाम कर दिया गया है।
ग्रेटर नोएडा के दिल्ली पुलिस सोसाइटी में डॉ. कपिल देव शर्मा ने एक नेकी की दीवार बनवाई है। जिस पर लिखा है कि “जो आपके पास अधिक यहां छोड़ जाएं और जो आपके पास कम है यहां से ले जाएं।” इस दीवार को बनाने का उद्देश्य है जिन लोगों के पास जो भी कपड़े, कंबल, जूते व अन्य वस्तुएं बेकार पड़ी हैं वे इस दीवार पर उन्हें छोड़ जाएं और जिस किसी को भी इसकी जरूरत है वे इनको ले जाएं। इस दीवार की खासियत यह है कि किसी को पता नहीं चलता कि कौन यहां सामान रखकर गया व कौन यहां से लेकर गया।
डॉ. कपिल देव शर्मा ने बताया कि उनको ऐसी किसी दीवार के बारे में व्हॉट्सप से पता चला था। फिर एक दिन रात को उनकी कॉलोनी के गार्ड ने उनसे पूछा कि अगर कोई अतिरिक्त कंबल है तो दे दीजिए। तो मैंने सोचा कि ऐसे कितने लोग होंगे जो सर्दी में कपड़ों की कमी से ठिठुरते होंगे। क्यों न यहां भी नेकी की दीवार बनाई जाए, इससे ज़रूरतमंदों को कपड़े भी मिल जायेंगे और जिनके पास बेकार कपड़े पड़े रहते हैं, उन्हें इन लोगों को कहीं दूसरी जगह ढूँढना भी नहीं पड़ेगा। वे आगे कहते है कि पास में रहने वाली बस्ती के लोगों को पहले यह बताना पड़ता था कि दीवार किसलिए बनाई है, लेकिन अब सब इसके बारे में जान गए है। रोज़ाना पास की बस्ती से लोग आकर यहां सामान रख जाते हैं और ज़रूरतमंद ले जाते हैं।
दरअसल नेकी की दीवार का विचार ईरान की ‘दीवार-ए-मेहरबानी’ से लिया गया है। 2015 में ईरान में बेघर और गरीबों की मदद करने के लिए मशहद शहर में एक अजनबी ने इस तरह की दीवार बनाई थी। दीवार पर बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा था कि जिनके पास ज़रूरत से ज़्यादा है इस दीवार पर टांग जाएं, और जिन्हें ज़रूरत है ले जाएं। जरूरतमंदों की मदद का यह अभियान न सिर्फ ग्रेटर नोएडा में बल्कि दिल्ली, गुड़गांव, नोएडा, वाराणसी, ललितपुर, लखनऊ, आगरा, चण्डीगढ़, भोपाल, झांसी और भीलवाड़ा आदि स्थानों पर भी पहुंच चुका है।
नेकी के नाम की सात दीवारें
पेशे से डॉक्टर कपिल देव शर्मा को यह विचार इतना अच्छा लगा कि इन्होंने ग्रेटर नोएडा में सात दीवारों को नेकी के नाम कर दिया। उन्होंने पहली ‘नेकी की दीवार’ नवम्बर 2016 में बनवाई थी। जब उनकी यह कोशिश रंग लाने लगी तो उन्होंने 6 और दीवारें बनवा दी। उनकी ओर से बनाई गई नेकी की दीवारें सेक्टर पाई-2, दिल्ली पुलिस सोसाइटी, सेक्टर पाई-1, सेक्टर पाई-3, सेक्टर डेल्टा-1, सेक्टर ओमेगा-2 व सेक्टर बीटा-1 में स्थित हैं।