तेरी नज़र का गोशà¥à¤¤, तेरी नज़र की मैं गिरावट !
तेरी नज़र के जिमà¥à¤®à¥‡, मेरी बनावट या दिखावट !!
कà¥à¤¯à¥‚ठतेरी नज़र के दायरे में मेरी ज़िंदगी, बंदगी,
कà¥à¤¯à¥‚ठनहीं मेरा खà¥à¤¦à¤¾, नहीं मेरी अपनी सजावट !
कà¥à¤¯à¥‚ठपरà¥à¤¦à¤¾ मेरे चेहरे पे मगर तेरी नज़र पर नहीं,
कà¥à¤¯à¥‚ठमेरे जिसà¥à¤® से होती तेरे मज़हब की बनावट !
आदम की छाती से तोड़ कर हडà¥à¤¡à¥€ से नहीं बनी,
मैं कोख़ की मलà¥à¤²à¤¿à¤•à¤¾, मैं बराबर की हूठबनावट !
बस कर अपने सहूलियत की आदम ये ठेकेदारी,
इंसान को इंसान रहने दे, बंद कर दे मिलावट !
हूठमजबूर कि तà¥à¤à¥‡ मैं कà¥à¤› और दिखती ही नहीं,
मैं चलूठचाल तवाइफी, समठजा मेरी सजावट !
चाल तवाइफी !